भारत के Chandrayaan-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखकर एक नया इतिहास रचा है। चंद्रयान-3 ने चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर दुनिया को चौंका दिया. आज पूरी दुनिया भारत की प्रशंसा कर रही है। आज भारत दुनिया का सिरमौर बन गया है। यह सब हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से संभव हुआ है। इस इतिहास को रचने के लिए हमारे प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को ढेर सारी बधाई दी है. वहीं, दुनियाभर से बधाई और शुभकामनाएं देने का सिलसिला भी जारी है.
भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में पीएम मोदी का सपना अब साकार हो रहा है. दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में पहुंचे पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अब बारी सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की है. चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद आज पूरी दुनिया की निगाहें भारत की ओर हैं। हर तरफ भारत के चंद्रयान-3 की सफलता की चर्चा हो रही है.
पूरी दुनिया ने ऐसे की भारत की तारीफ
भारत की इस ऐतिहासिक सफलता की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। इसके साथ ही विदेशी मीडिया ने भी भारत की कामयाबी की तारीफ की. पाकिस्तान, सऊदी अरब, ब्रिटेन, अमेरिका समेत तमाम देशों की मीडिया ने भारत की सफलता को लेकर खबरें छापी हैं, जिसमें अमेरिकी मीडिया ने लिखा है कि भारत ने अपना चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव के करीब उतार दिया है और इससे पहले किसी भी देश ने ऐसा नहीं किया है. ऐसा नहीं किया. वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि चंद्रमा की दौड़ में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना चंद्र मिशन सफलतापूर्वक उतार लिया है. रूस के चंद्रमा मिशन की विफलता के कुछ दिनों बाद, भारत का चंद्रयान -3 मिशन चंद्रमा के अज्ञात हिस्से का पता लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
दूसरी ओर, सऊदी अरब के अखबार अल अरबिया ने लिखा कि भारत ने ऐतिहासिक क्षण में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारा है। यह सफल लैंडिंग भारत के एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने का प्रतीक है। ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द गार्जियन ने लिखा है कि एक ऐतिहासिक क्षण में, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। अंग्रेजी अखबार इंडिपेंडेंट ने Chandrayaan-3की सफल लैंडिंग को भारत की ऐतिहासिक और अभूतपूर्व उपलब्धि बताया। चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स और पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का कुछ इसी अंदाज में जिक्र किया है.
क्या है चंद्रयान-3
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, लेकिन इसमें वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 में पाई गई कमियों को पूरा करके इसे पहले से भी अधिक शक्तिशाली बना दिया है। Chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह का पता लगाने के लिए एक रोवर को तैनात करने का प्रयास करेगा। रोवर चंद्रमा की संरचना और भूविज्ञान पर डेटा इकट्ठा करने का काम करेगा, जिससे हम चंद्रमा के बारे में गहराई से जान सकेंगे, जिससे चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं को ढूंढना आसान हो जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 7 पेलोड के साथ लॉन्च किया गया था। इसमें लैंडर विक्रम के साथ 4 पेलोड जुड़े हुए हैं. 2 रोवर प्रज्ञान और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। लैंडर और रोवर से जुड़े 6 पेलोड चांद की सतह पर जाकर अध्ययन करेंगे. जबकि, प्रोपल्शन मॉड्यूल के साथ गया पेलोड चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेगा।
चंद्रमा के बाद सूर्य और शुक्र पर यान भेजने की तैयारी की जा रही
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा के बाद सूर्य और शुक्र ग्रह पर यान भेजने की तैयारी करेंगे. इसरो के निशाने पर सूर्य और शुक्र भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही इसरो सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए आदित्य एल1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है. देश गगनयान के माध्यम से अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है।
चंद्रयान-3 चांद पर क्या करेगा काम?
- चंद्रमा की सतह के पास प्लाज्मा के घनत्व और समय के साथ उसमें होने वाले परिवर्तन को मापेगा
- चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के पास की सतह के तापीय गुणों का अध्ययन करेगा।
- चंद्रमा की भूपर्पटी और मेंटल की संरचना को दर्शाएगा।
- चंद्रमा की गतिशील प्रणाली को समझाएंगे।
- चंद्रमा की सतह पर मौजूद तत्वों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक विश्लेषण करेगा.
- चंद्रमा की धूल और चट्टानों की मूलभूत संरचना का पता लगाएगा और उसकी जांच करेगा।
- यह चंद्रमा की कक्षा में रहकर परावर्तित प्रकाश के माध्यम से पृथ्वी जैसे मानव के रहने योग्य ग्रहों की खोज करेगा