Chhattisgarh Balwadi Yojana 2023: स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के द्वारा नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों के सिखने एवं समझने की क्षमता में विकास करने के लिए छत्तीसगढ़ बालवाड़ी योजना को शुरू किया गया है। इस बालवाड़ी योजना राज्य के पांच से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से कई बालबाड़ियों का संचालन किया जाएगा। जिनमें बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता का विकास खेल-खेल में कराया जाएगा और इसके साथ ही उन्हें स्कूल के माहौल के लिए भी तैयार किया जाएगा। सरकार द्वारा 5173 बालवाड़ियों के साथ इस योजना को शुरू किया है। आने वाले सालों में चरणबद्ध तरीके से कई और बालवाड़ी खोली जाएंगी। इस योजना के अंतर्गत स्कूल परिसर में स्थित आंगनबाड़ियों को बालबाड़ियोंं में तब्दील किया जाएगा। राज्य में 6,536 आंगनबाड़ी केंद्र थे जिनमें से 5173 को बालबाड़ियोंं बदला गया है।
Chhattisgarh Balwadi Yojana 2023
क्या है छत्तीसगढ़ बालवाड़ी योजना?
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर “जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी” की थीम के साथ Chhattisgarh Balwadi Yojana का आरंभ किया है। अब राज्य में इस योजना के तहत 5 से 6 साल तक के बच्चों के लिए बालवाड़ी संचालित की जाएंगी। सभी बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अलावा संबंद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक को भी तैनात किया जाएगा। इस सहायक शिक्षक को हर महीने ₹500 अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। बच्चों को खेल-खेल में रोचक तरीके से पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। बालबाड़ी स्कीम बच्चों के सिखने और समझने के लिए एक रोचक एवं खुशहाल वातावरण बनाएगी। ताकि बच्चों के दिमाग का खेल खेल में विकास किया जा सके। क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के दिमाग का 85% विकास बाल्यावस्था में ही हो जाता है।
क्या है बालवाड़ी योजना छत्तीसगढ़ का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पांच से छह साल के बच्चों के सीखने एवं समझने की क्षमता का खेल-खेल में विकास करना है। इसके अलावा उन्हें स्कूल जाने के लिए पूरी तरह से तैयार करना है ताकि वह जब पहली कक्षा में स्कूल जाए तो वह उसके लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके हो। प्रदेश सरकार द्वारा बालवाड़ी योजना छत्तीसगढ़ के माध्यम से प्रदेश भर में बालवाड़िया संचालित होंगी। बालवाड़ी में पढ़ाने वाले शिक्षकों एवं साहयिका को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि वह बच्चों को खेल-खेल में अक्षरों और संख्याओं का ज्ञान करा सके। छत्तीसगढ़ सरकार का बालवाड़ी योजना शुरू करने का निर्णय राज्य के बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होगा। क्योंकि इसके जरिए उनका मानसिक,समाजिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास खेल खेल में हो सकेगा।
5,173 बालवाड़ियों के जरिए 6,8054 बच्चे होंगे लाभान्वित
इस बालवाड़ी योजना के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में रोचक तरीके से पढ़ाने हेतू बालबाड़ियो का संचालन किया जाएगा। संचालित की जाएंगी। जिनके माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 68054 बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। सरकार के द्वारा सभी बालबाड़ियों हेतू बच्चों के लिए अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री और रंग रोगन के लिए 1 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। बालवाड़ी के संचालन हेतु बच्चों की सामग्री “बाल वाटिका” तैयार की गई है। इसका संचालन स्कूल परिसर में भोजन अवकाश के 2 घंटे पहले किया जाएगा। स्कूल विभाग छत्तीसगढ़ के द्वारा फिलहाल राज्य की 5173 आंगनबाड़ियों को बालवाड़ियो में तब्दील किया गया है जिनके माध्यम से राज्य के पांच से छह साल तक lके 3 लाख 23 हजार 624 विद्यार्थियों में से 68 हजार 54 विद्यार्थियों को इसी सत्र 2022-23 में लाभ दिया जाएगा।
योजना के लाभ एवं विशेषताएं
- छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के द्वारा शिक्षक दिवस पर बालवाड़ी योजना की शुरुआत की गई हैं।
- ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’पर आधारित थीम पर हुआ योजना का आगाज।
- राज्य के पांच से छह साल तक के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- इस योजना से राज्य में बालबड़ियों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें खेल-खेल बच्चों के सिखने एवं समझने की क्षमता को विकसित किया जाएगा।
- सरकार द्वारा शुरुआत में 5173 बालवाड़ी का शुभारंभ किया गया है। फिलहाल स्कूल परिसर में स्थित आंगनबाड़ियों को बालवाड़ी तब्दील किया गया है।
- बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अलावा संबंद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक को भी तैनात किया जाएगा। इस सहायक शिक्षक को हर महीने 500 रुपए वेतन दिया जाएगा।
- इसके अलावा बालवाड़ी में बच्चों को खेल-खेल में रोचक तरीके से पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका और शिक्षक को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।
- सरकार द्वारा सभी बालवाड़ी हेतू बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री और रंग रोगन के लिए ₹100000 की स्वीकृति दी गई है।
- इस योजना के माध्यम 68 हजार 54 बच्चे लाभान्वित होंगे।
- वैज्ञानिकों के मुताबिक मनुष्य के दिमाग का 85% विकास बचपन में ही होता है इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना को शुरू किया गया है।
- छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा इस योजना के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा कोअधिक मजबूत कर दिया है, जो बच्चों की शिक्षा की बेहतर तरीके से नींव रखेगी।