भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की कम से कम 18 साल उम्र होनी चाहिए 

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बाद ही आपको मोटर वाहन चलाने की अनुमति मिलती है 

पहले लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनता है, यह 6 महीने के लिए वैलिड होता है. 

वैसे तो ड्राइविंग से जुड़ी बहुत सी बातें हैं लेकिन एकदम शुरुआती समय में आपको इसकी  A, B, C और D के बारे में जरूर पता होना चाहिए 

A, B, C और D केवल सांकेतिक रूप से बोला गया है 

कार ड्राइविंग सीखने के संदर्भ में A का मतलब एक्सीलेरेटर पैडल से होता है 

कार को एक्सीलेरेट करने के लिए एक्सीलेरेटर पैडल होता है और इसके लिए अपने केवल दाएं पैर का ही इस्तेमाल करना है 

वहीं, B का मतलब ब्रेक पैडल से है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ब्रेक पैडल का इस्तेमाल कार को रोकने के लिए होता है 

यहां C का मतलब क्लच पैडल से होता है. इसका इस्तेमाल गियर बदलने के लिए किया जाता है 

इसे दबाकर ही गियर बदले जाते हैं और इसे दबाने के लिए बायां पैर काम में लिया जाता है 

यहां पर D का मतलब डेड पैडल से है. ज्यादातर लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी 

यह ड्राइवर के बाएं पैर को आराम देने के लिए दिया गया होता है. अपका बायां पैर ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है