Jaivik Kheti Scheme 2023: किसानों अपनी फसलों से बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए रासायनिक केमिकल और पेस्टिसाइड का प्रयोग करते है। जिससे उनके खेतों की उपजाऊ क्षमता लगातार घटती जा रही है | हालाँकि केंद्र एवम राज्य सरकार के द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनायें संचालित की जा रही है। इन्हीं में से एक योजना राजस्थान सरकार के द्वारा भी शुरू की गई हैं। जिसका नाम जैविक खेती योजना है। सरकार के द्वारा यह योजना किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित करने के लिए शुरू की गयी है।
दरअसल खेती में केमिकल वाली खाद, खरपतवार और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, जिससे आज नई-नई बीमारियां पैदा हो रही है, जिनका समय पर इलाज नहीं कराने से लोगों की अकस्मात मौत भी हो जाती है। सबसे बड़ी बात तो यह है, कि इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति खत्म हो रही है, जो भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। ऐसे में सरकार के द्वारा आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किये जा रहे है।
Jaivik Kheti Scheme 2023 क्या है जैविक खेती मिशन 2023?
‘समृद्ध किसान – खुशहाल राजस्थान’ की सोच के साथ मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत राशि को 2 हजार करोड़ रुपये से बढाकर 5 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही इसमें 11 मिशन शुरू किये गये हैं। जिनमें से एक “राजस्थान जैविक खेती मिशन”भी है। इसी मिशन के तहत 600 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। जिनके अंतर्गत करीब 4 लाख किसान लाभान्वित होंगे। जो किसानों को जैविक बीज,जैव उर्वरक एवं कीटनाशी उपलब्ध कराते है जिससे जैविक खेती में वृद्धि की जा सके। जैविक खेती को बढावा देने के लिए राज्य सरकार के द्वारा जैविक खेती में नवाचारों के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन कृषकों को प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा और चयनित तीनों किसानों को 1-1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। सरकार के द्वारा साल 2023 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसको प्राप्त करने हेतू केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जाता है। ताकि किसानों की आय में वृद्धि की जा सके और किसानों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
Jaivik Kheti Scheme 2023 जैविक खेती क्या है?
इसके अंतर्गत 50 हेक्टेयर एवम 20 हेक्टेयर क्षेत्र के एक क्लस्टर में जैविक खेती का कार्यक्रम लिया जाता है। जिससे भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि और वातावरण भी शुद्ध बना रहता है। इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षित कृषि को बढ़ावा देकर पैदावार में वृद्धि के लिए रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम की जा सकता है। जैविक खाद के इस्तेमाल से भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है और भूमि की जल धारण क्षमता में भी बढ़ोतरी होती हैं। जिससे भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है एवम सिंचाई अंतराल में भी वृद्धि होती है। रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत भी कम लगती है। इसके साथ ही भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा। कचरे का इस्तेमाल से खाद बनाने में होने से बीमारियों में कमी आती है।
जैविक खेती योजना का उद्देश्य?
सरकार के द्वारा जैविक खेती योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खेती की अपेक्षा जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण से लेकर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार के कृषि विभाग के द्वारा ऐसे किसानों को चुना जाता है, जिनका रुझान जैविक खेती की ओर है। ऐसे किसानों को सरकार की ओर से ट्रेनिंग के साथ साथ वर्मी कम्पोस्ट बनाना और जैविक खेती करने से सम्बंधित सभी जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही जैविक कृषि से उनकी उपज और आय बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।
कैसे करें जैविक खेती योजना के अंतर्गत आवेदन?
मुख्यमंत्री जैविक खेती योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को सबसे पहले इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। उसके बाद होम पेज पर मेन्यू के ऑप्शन दिखाई देंगे। जहां पर आपको क्लिक करना है। फिर आपको एक लिस्ट दिखाई देगी l जहां आपको किसानों के लिए सुविधाओं के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। अब आपके सामने नेक्स्ट पेज खुल जाएगा। इसमें आपको उन सभी सेवाओं की जानकारी हासिल हो जाएगी, इस बीज मिनी किट योजना के अंतर्गत किसानों को प्रदान की जाती है।