Uttarakhand Vaishnavi Suraksha Yojana: देश में महिलाओं की बढ़ती हुई खराब हालत को देखते हुए भारत सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की थी। भारत में कन्या शिशु दर में होने वाली गिरावट को कम करने हेतु और कन्याओं के उज्जवल भविष्य के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी। इसी अभियान के तहत राज्य की बेटियों के लिए उत्तराखंड सरकार नेबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत वैष्णवी सुरक्षा योजना शुरू की है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य का हर एक परिवार, जो अपने परिवार में जन्मी नवजात बेटी के साथ एक सेल्फी भेजता है तो सरकार द्वारा नवजात बच्चे के लिए उस परिवार को वैष्णवी किट प्रदान की जाएगी। वैष्णवी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली वैष्णवी किट में बेटी के लिए तत्काल उपयोग में आने वाली कई वस्तुएं शामिल है। इसके अलावा राज्य सरकार के द्वारा परिवार को एक बधाई संदेश भी परिवार को भेजेगी।
क्या है उत्तराखंड वैष्णवी सुरक्षा योजना 2023?
राज्य की बेटियों के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत वैष्णवी सुरक्षा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत राज्य का प्रत्येक परिवार, जो घर में जन्मी नवजात बेटी के साथ एक सेल्फी भेजता है। उसको नवजात शिशु के लिए वैष्णवी किट प्रदान की जाएगी। इस किट में बेटी के लिए हाल ही में प्रयोग में आने वाली कई वस्तुएं शामिल होंगी। इसके अलावा राज्य सरकार के द्वारा परिवार को बधाई संदेश भी दिया जाएगा। उत्तराखंड के महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा उत्तराखंड राज्य सरकार की यह योजना राज्य की बेटियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
उत्तराखंड वैष्णवी सुरक्षा योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य सरकार के द्वारा राज्य में लिंगानुपात में सुधार करना है। उत्तराखंड राज्य सरकार की इस योजना को केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत शुरू किया गया है। इस योजना को बच्चियों के विकास के लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग के द्वारा लागू किया गया है। इसका लाभ बीपीएल परिवार में पैदा होने वाली सभी शिशुओं विशेषकर लड़कियों को दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को एक बच्ची को जन्म पर वैष्णवी सुरक्षा किट दी जाएगी।
वैष्णवी सुरक्षा योजना के लिए कैसे करें आवेदन ?
जो भी बेटी के माता पिता वैष्णवी सुरक्षा योजना का लाभ लेना चाहते हैं उनको योजना के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले बेटी के जन्म पर माता -पिता, परिवार के सदस्यों और नवजात कन्या की एक सेल्फी क्लिक करें और आंगनवाड़ी केंद्रों में जमा कर दें। लाभार्थी परिवार से नजदीकी सरकारी अस्पताल या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा 24 घंटे के भीतर संपर्क किया जाएगा। उसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके घर आते हैं जहां लड़की पैदा हुई है और परिवार के सभी सदस्यों के साथ शिशुओं की एक और सेल्फी लेते हैं। उसकी बाद क्लिक की हुई तस्वीरों को संबंधित नोडल अधिकारी को अग्रेषित किया जाता है। फिर बाद में आंगनबाड़ी या एएनएम कार्यकर्ता वैष्णवी किट और लड़की के लिए कपड़े देते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री और जिला अधिकारी द्वारा बालिकाओं के परिवार को बधाई संदेश दिया जाता है।