बेटियों के भविष्य उज्जवल के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती हैं। इन योजनाओं के जरिए बेटियों के लिए सुरक्षा से लेकर सामाजिक एवं आर्थिक सहायता दी जाती है। केंद्र सरकार के द्वारा भी साल 2015 में ऐसी ही एक योजना की शुरुआत की गई थी,जिसका नाम है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना। इस योजना के जरिए बेटियों की सुरक्षा के साथ साथ उनकी उच्च शिक्षा के लिए उनको प्रेरित किया जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है?
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। इसके माध्यम से बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इस योजना के माध्यम से लिंगानुपात में भी सुधार करने की कोशिश की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत भ्रूण हत्या पर भी रोक लगाने की कोशिश की जाएगी। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा सरकार के द्वारा इस योजना को साल 2014 और 2015 में सिर्फ 100 जिलों में शुरू किया गया था। इसके बाद साल 2015-16 में 61 जिले और जोड़ दिए गए थे। वर्तमान समय यह योजना देश के हर जिले में संचालित की जा रही हैं। इस योजना के जरिए बेटियों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा और उनका भविष्य भी उज्जवल होगा।
कुछ नए तत्व को योजना में किया जा रहा शामिल
केंद्र सरकार के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 2023 को संशोधित करके एक नया रूप दिया गया है। इसके नए रूप में सरकार कुछ नए तत्वों जैसे बालिकाओं को कौशल प्रदान करने, माध्यमिक शिक्षा में उनका नामांकन बढ़ाने, मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता के बारे में उन्हें जागरूक करने और बाल विवाह पर रोक लगाने जैसे बातों को शामिल करने जा रहा है। इन नए तत्वों को शामिल करने की सूचना लड़कियों के लिए गैर पारंपरिक आजीविका में कौशल से संबंधित राष्ट्रीय सम्मेलन में महिला एवं बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे के द्वारा दी गई है। इस कार्यक्रम में एक नियमावली भी जारी की गई है जिसे जिलो में योजना की क्रियान्वयन में उपयोग किया जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग अनुपात में सुधार करना और बेटी के माता-पिता को उनकी उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके माध्यम से ऐसे कई प्रकार के प्रयास किए जाएंगे,ताकि बेटियों के प्रति देश के लोगों की सोच में सुधार किया जा सके। यह योजना भ्रूण हत्या रोकने में भी मददगार साबित होगी। इस योजना के जरिए बेटी और बेटे के बीच एक समानता की भावना जागरूक होगी।
सभी जिलों में बढ़ाई जाएगी योजना
इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ साथ उनकी शिक्षा पर जोर देना था। यह पहले से ही देश के कई जिलों में चलाया जा रहा है और केंद्र सरकार इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए काम कर रहा है। मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक मौजूदा केंद्रों को अपग्रेड करते हुए 300 अतिरिक्त केंद्रों की स्थापना की गई हैं। इसके अलावा महिलाओं हेतू निर्देशित कई केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। अब केंद्र सरकार नए दिशानिर्देशों के अनुसार नए परिसरों और ओएससी केंद्रों के रखरखाव, सुधार और निर्माण पर अधिक जोर देगी।
खोले जाएंगे ओएससी सेंटर्स
योजना के संबंधित अधिकारियों ने योजना को बढ़ावा देने हेतू डिजिटल मीडिया का प्रयोग किया है, क्योंकि 80 प्रतिशत फंड का इस्तेमाल सिर्फ डिजिटल विज्ञापनों में किया गया था, लेकिन इस फॉर्मूला में अब परिवर्तन कर रहे हैं। जिससे जमीन पर इसका असर अधिक पड़े। जैसे कि इस बार मंत्रालय स्थापित केंद्रों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वन-स्टॉप सेंटर, आत्मरक्षा केंद्र ऐसे है, जो महिलाओं को उनके खिलाफ घरेलू हिंसा से निपटने के तरीके सीखने में सहायता करते हैं। इसके अलावा मंत्रालय के द्वारा 300 नए केंद्र भी बनाए जा रहे है। इन ओएससी केंद्रों में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों और लड़कों को करीब 5 दिनों तक रहने की अनुमति है,जबकि जरूरत पड़ने पर इस प्रवास को बढ़ाने के लिए भी योजना है, जो अधिकारियों के द्वारा निश्चित की जाएगी।
कैसे करें योजना के लिए आवेदन?
इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को सबसे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना हैं अब इसके होम पेज पर आपको वूमेन एंपावरमेंट स्कीम के विकल्प पर क्लिक करना है। फिर इसके अगले पेज पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।