कृषकों की आय को दोगुना बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। यहाँ तक कि सरकार किसानों की मूलभूत समस्याओं के निदान हेतू नई-नई योजनाएं लांच कर रही है, जिससे किसान योजनाओं का लाभ प्राप्त कर अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सके। किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन में बीज एक अहम भूमिका निभाता है,यानि हम बिना बीज के फसलों को उगाने के बारे में सोच भी नहीं सकते है। फसलों से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्रमाणिक एवं गुणवत्तापूर्ण बीज का मिलना बेहद जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए किसानों की सुविधा हेतू केंद्र सरकार के द्वारा बीज ग्राम योजमा को शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सरकार की ओर से उच्चकोटि के बीज प्रदान किया जाएंगे।
क्या है बीज ग्राम योजना 2023?
केंद्र सरकार के द्वारा बीज ग्राम योजना की शुरुआत साल 2014 -15 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को बीज उत्पादन में सहायता करने के साथ ही फसलों के लिए उच्चकोटि के बीज उपलब्ध कार्य जाते है। इस योजना के तहत आस-पास के 2 से 3 गांवों के किसानों को मिलाकर दो से तीन समूह तैयार किये जाते है। इसके अलावा हर एक समूह में करीब 60 से 100 कृषकों को शामिल किया है। किसानों को बीज की बुवाई से उसकी कटाई तक कृषि विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत उगाये गये फसलों के बीजों को जिले स्तर पर स्थित कृषि फार्म में रोपित किया जाता है, जिसे हम ब्रीडर बीज के नाम से पहचाना जाता है। इसके बाद अगले साल ब्रीडर बीजों से उत्पादित फसलों से मिलने वाले उत्पादन को फाउंडेशन बीज कहा जाता है। इस फाउंडेशन बीज को समूह के किसानों के खेतों में बुवाई कराई जाती है। एक साल के बाद जो बीज मिलता है, उसे प्रमाणिक यानि सर्टिफाइड बीज कहा जाता है। इन सर्टिफाइड बीजों को फिर से बुवाई के लिए इस्तेमाल लाया जा सकता है।
क्या है बीज योजना का उद्देश्य?
सरकार के द्वारा इस बीज ग्राम योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके ही क्षेत्र में उच्च गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध करवाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। जैसा हम सभी जानते है, कि किसानों की आय का मुख्य स्त्रोत फसलों के उत्पादन पर ही निर्भर होती है। फसल खराब होने पर उन्हें आर्थिक रूप काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है, जबकि फसलों अच्छी होने पर उनकी आय बढ़ जाती है। फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए बीजों का गुणवत्तापूर्ण होना जरूरी है। अगर किसान अपने खेतों में गुणवत्तापूर्ण बीज की बुवाई करता है, तो स्वाभाविक रूप से फसल का उत्पादन बेहतर होता है। हालाँकि अभी तक किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज हेतू इधर-उधर दूसरे राज्यों में भटकना पड़ता था, लेकिन अब सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के जरिए उन्हें उच्च गुणवत्तापूर्ण वाले बीज अपने ही क्षेत्र में आसानी से प्राप्त हो जाते है।
बीज ग्राम योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत किसानों को बीजों के उत्पादन हेतू सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। छोटे किसानों को बीज की बुवाई के लिए बीज पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है जबकि सामान्य किसानों बीज पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर बीज प्रदान किए जाते है। इसके आलावा उन्नत प्रकार के बीजों के उत्पादन हेतू खाद, दवा और इस्तेमाल किए जाने वाले कृषि यंत्रों पर भी सरकार के द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है।
योजना से जुड़ने के लिए प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बीज ग्राम योजना की शुरुआत की है और यह देश के सभी राज्यों में लागू है। अगर इस योजना से कोई भी किसान जुड़ना चाहता है, तो वह अपने जिले के अंतर्गत आने वाले कृषि कार्यालय में जाए और कृषि पदाधिकारी से संपर्क करना होगा। इसके लिए आप पास के कृषि सलाहकार से जानकारी हासिल कर सकते है। इसके अलावा इस योजन से जुड़ने हेतू निर्धारित ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया है। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप इस योजना से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है।