Nikola Tesla Biography in Hindi: आज का युग विज्ञान के करिश्माई चमत्कारों से भरा हुआ है,लेकिन क्या आप जानते है कि यह कैसे संभव हुआ। वैसे तो इस दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग आते है और चले जाते है लेकिन कुछ ऐसे लोग होते है, जो हमेशा के लिए लोगों के दिल में बस जाते है। उनका नाम इतिहास के पन्नों में छा जाता है। ये ऐसे लोग होते है, जो विज्ञान के नामुमकिन कामों को भी मुमकिन बना देते है। ऐसे लोग हमेश यूनिवर्स के नियमों को समझते हुए आगे बढ़ते है और विकास के बंद रास्तों का खोलते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही महान इंसान के बारे में बताने वाले है जिसने प्रकृति के सभी नियमों को समझा और मानवता के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपने जीवन का अहम योगदान देकर दुनिया के नक्शे को ही बदल कर रख दिया। जी हां, वह शख्सियत कोई और नहीं,बल्कि निकोला टेस्ला है। वह उस सदी के उन गिने चुने महान वैज्ञानिकों में से एक थे। जिनकी खोजों ने पूरे विज्ञान जगत को बदलकर रख दिया है। 19वीं सदी के महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने अपना पूरा जीवन विज्ञान जगत को समर्पित कर दिया।
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Nikola Tesla Biography in Hindi

निकोला टेस्ला का प्रारंभिक जीवन
निकोला टेस्ला का जन्म स्किमडज, क्रोएरिया में 10 जुलाई 1856 को हुआ था। जब क्रोएशिया अस्ट्रो- हेटेली साम्राज्य का हिस्सा था। दुनिया में क्रोएशिया सबसे पसंदीदा 18वां पर्यटन स्थल है, जो यूरोप का एक देश है। लेकिन यह तो हम सभी जानते है, कि आज से 161 साल पहले, दुनिया में इनकी ज्यादा प्रगति नहीं थी और उस वक्त क्रोएशिया एक गरीब देश था। निकोला टेस्ला का जन्म रोमन कैथोलिक के घर में हुआ था, वह अपने माता-पिता के चौथे नंबर की संतान थे। उनके एक बड़ा भाई डेन और दो बड़ी बहनें एंजिनिया और मिल्का और एक छोटी बहन मारिका थी। निकोला के पिता एक सच्चे रुढ़िवादी चर्च में एक पादरी थे।
टेस्ला की शिक्षा
1870 के दशक में निकोला टेस्ला जर्मनी में कार्ल्सडैट यूनिवर्सिटी के पॉलिटेक्निक संस्थान ग्राज़ औ ऑस्ट्रिया में प्राग में अध्ययन करने के बाद बुडापेस्ट चले गए, जहां कुछ समय के लिए उन्होंने सेंट्रल टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया था। टेस्ला के दिमाग में इंडक्शन मोटर का विचार सबसे पहले बुडापेस्ट में आया, लेकिन अपने अविष्कार के सालों बाद 28 साल की उम्र में वह यूरोप छोड़ अमेरिका चले गए।
निकोला एवं थॉमस एडिसन
सन् 1882 में निकोला टेस्ला ने घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र भौतिकी का एक मूलभूत सिद्धांत एवं उन सभी उपकरणों के आधार पर एक खोज की, जो वैकल्पिक धारणाओं का प्रयोग करते है। उसी साल, उन्होंने पेरिस में कॉन्टिनेंटल एडिसन कंपनी में काम किया और दो साल बाद न्यूयॉर्क में थॉमस एडिसन की फर्म में काम करने के लिए उन्हें बुलाया गया, जहां वे चले गए। प्रत्यक्षधारा पर निकोला टेस्ला और थॉमल एडिसन के बीच मतभेद उनकी असहमति का कारण बने थे। निकोला टेस्ला ने अल्टरनेटिंग करंट के प्रयोग को व्यवहार्य बनाने के लिए उपकरणों का निर्माण किया था, जो बडी दूरी होने पर भी ऊर्जा संचारित करने का एक बेहतर तरीका था। लेकिन किसी दुर्घटना की स्थिति में बहुत खतरनाक भी थी। एडिसन अपनी तकनीकों को प्रत्यक्षधारा पर आधारित थे,निकोला के हत्यारे करंट के खिलाफ थे।
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निकोला का आविष्कार
निकाला टेस्ला के शोध एवं खोज इलेक्ट्रोटेक्निक और रेडियोइलेक्ट्रिकिटी के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। निकोला ने संयुक्त राज्य अमेरिका में करीब 40 पेटेंट है जबकि दुनिया में 700 से ज्यादा पेटेंट पंजीकृत किए है। टेस्ला के अविष्कार बिजली एवं चुंबकत्व के प्रयोग पर आधारित थे, जिनमें फ्लोरोसेंट लैंप, इंडक्शन मोटर, रिमोट कंट्रोल, टेस्ला कॉइल, रेडियो ट्रांसमिशन, कार स्टार्ट में प्रयोग होने वाला इग्निशन सिस्टम एवं प्रत्यावर्ती धारा इत्यादि शामिल है।
टेस्ला के एक अजीबोगरीब अविष्कारों में से एक भूकंप मशीन है, उनकी यह खोज पृथ्वी की पपड़ी के जरिए बिजली संचारित करने की थी, जिससे ग्रह पर कहीं भी एक प्रकाश बल्ब को केवल पृथ्वी में चिपकाकर चालू किया जा सके। निकोला टेस्ला तब दिवालिया हो गए, जब उन्होंने एक बड़ी क्षतिपूर्ति का भुगतान करने हेतू बिजली संयंत्र को जला दिया। इसके अलावा उनके अविष्कारों में एसी बिजली, इलेक्ट्रिक वेव्स, बिजली से चलने वाली मोटर, वायरलैस संचार, रोबोटिक्स, रिमोट कंट्रोल एवं राडार जैसे नाम शामिल है।
पुरस्कार और मेडल
सन् 1894 में निकोला ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मानद उपाधि हासिल की और फ्रैंकलिन संस्थान से इलियट क्रेसन पदक प्राप्त किया था। सन् 1912 में, उन्होंने भौतिकी में नोबेल पुरस्कार,जिसे एडिसन के साथ साझा करने से इनकार कर दिया, जो फिर एक अन्य शोधकर्ता को प्रदान किया गया। सन् 1934 में उन्हें फिलाडेल्फिया शहर ने उनके पॉलीफेज पावर सिस्टम के लिए जॉन स्कॉट मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा टेस्ला नेशनल इलेक्ट्रिक लाइट एसोसिएशन के मानद सदस्य एवं अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस के सदस्य भी थे।
निकोला टेस्ला की मृत्यु कब हुई
कई सालों तक, निकोला टेस्ला का घर न्यूयॉर्क में वाल्डोर्फ एस्टोरिया होटल था। अपने जीवन के आखिरी दस सालों के दौरान वह न्यूयॉर्क होटल में रहे। जहां 7 जनवरी 1943 को न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में निधन हो गया।